Aawan (Hindi Edition)
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Narrated by:
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Shaily Mudgal
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By:
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Chitra Mudgal
About this listen
बसव सद क अतम परहर म एक मजदर क बट क महभग, पलयन और वपस क मधयम उपभकतवद वरतमन समज क कई सतर पर अनसधनत करत, नरममत स उधडत, तह खलत, चतर मदगल क सवचरत उपनयस आव’ अपन तरल, गहर सवदनतमक पकड और भद पडतल क आतमलचन क कटघर म ल, जस ववक क मग करत ह-वह चनत झलत कय आज क अनवरयत नह
सगठन अजय शकत ह सगठन हसतकषप ह सगठन परतवद ह सगठन परवरतन ह करत ह कनत यद वह सगठन शकत सततककषय क ललपतओ क समकरण क कठपतल बन जए त दष उस शकत क अनधनषठ क ह य सवर कर रह उन दरपयग हथ क ज सगठन शकत क सपन क बजर म बरगलए-भरमए अपन वट क रट सक रह य खतरनक कट बलय क नह कतर रह फसल अकआन स परव जमन म चप बज क ह खखल कए द रह ह पसन क बद म अपन खन उड़ल रह भल-भल शरमक कहतष क आड़ म छप इन छदम कट स चतन-चतन और सरवपरथम उनह स सघरष करत, क जररत नह कय हआ उन मरच क जनक अनवरत मठभड़ क लल तरख म अभवगरसत दलत-शषत शरमक क उपस आत क चखत मरड़ क पड़ खदक रह थ हशए पर कए ज सकत ह व परशन जनहन कभ परचम लहरय थ क वह समज क करपतम वसगत आरथक वषमय क खदड़, समत क नय परतमन कयम करग परतवद म तन आकश भदत भटठय स वरगहन समज रचग-गढ़ग जह मनषय, मनषय हग पजपत य नरधन नह पकएग अपन समय क आव क अपन हड़मस क अभषट इधन स तक आव नषट न हन पए वरसत भड़ए क शकल कय पहन बठ टरड यनयन ज कभ वयवसथ स लड़न क लए बन थ आजद क पचस वरषपरनत आज कय वरतमन वकत-भरषट सवरप धरण करक सवय एक समनतर वयवसथ नह बन गय
Please note: This audiobook is in Hindi.
©1999 Chitra Mudgal (P)2024 Shaily Mudgal